Tag: गोटुवाद्यम्

“जिंगल बेल” से पहले सुनिए “मारगड़ी तिंगल…”

दिसम्‍बर के उत्तरार्ध में जहां विश्‍वभर में क्रिसमस की तैयारियां परवान चढ़ने लगती हैं वहीं चेन्‍नै में एक निराला ही समा बंधने लगता है। अलसभोर में कपालीश्‍वर मंदिर की पुष्‍करिणी में उदीयमान सूर्य की रश्‍मियों के अवगाहन से पूर्व ही कदाचित् मैलापोर की मडा वीथियों में हारमोनियम की संगत पर भजन गूंजते सुनाई दें तो […]

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