Author: Ajay Singh Rawat

मलयाळम के अच्‍चन तुंचत्त एलुदच्‍चन

मलयाळम में तुंचन का अर्थ सबसे छोटा और एलुदच्‍चन का अर्थ लेखन का पिता होता है। किंतु तुंचत्त एलुदच्‍चन मलयाळम के कवियों में महानतम हैं। मलयाळम कालगणना के अंतिम माह कर्किडकम का केरला में विशेष आध्‍यात्‍मिक महत्त्व है। मध्‍य जुलाई से मध्‍य अगस्‍त तक की इस अवधि को रामायण माह कहा जाता है। इस अवधि […]

Read More..
रोटी

छोटी रोटी, मोटी रोटी

. “तेरी बनाई रोटियां ढुंगड़ी लगती हैं” . “वह क्‍या होता है” . “जंगल में पत्‍थर पर बनाई रोटियां जो गोर चराने जाते हैं तब बनाते हैं” . मैं समझ गया कि अच्‍छी रोटियां बनाने में अभी कुछ और कसर बाकी है। आटा अच्‍छे से गूंथ लेता हूं। लोइयां भी सही बना लेता हूं, रोटी […]

Read More..
रोजा

रुक्मिणी! रुक्मिणी! ऐन्‍द्रिय प्रेम में निमग्‍न नवोढ़ा

. भारतीय रैपर अर्थात् क्षिप्रगायक बाबा सहगल ने रोजा फिल्‍म का गाना रुक्मिणी! रुक्मिणी! गाया था। हाल ही में अपने एक साक्षात्‍कार में उन्‍होंने इस गीत के बोलों को लेकर अपनी पहली प्रतिक्रिया बताई। गाने के बोल सुनकर उन्‍होंने कहा, “कितने वाहियात लिरिक्‍स हैं यार, किसने लिखा है ये?” इसके साथ ही उन्‍होंने अनुवाद की […]

Read More..
ठग लाइफ

कन्नड़ा की ऐतिहासिक पहचान और कमल हासन का बयान

पचहत्तर वर्ष पूर्व स्‍वतंत्र भारत के प्रथम भारतीय गवर्नर जनरल सी राजगोपालाचारी ने एक वक्‍तव्‍य दिया था कि कन्नड़ा तम‍िळ से जन्‍मी भाषा है। कन्नड़ा साहत्यिकारों द्वारा इस वक्‍तव्‍य के कड़े व‍ि‍रोध के बाद उन्‍हें क्षमायाचना करनी पड़ी थी। भाषायी बयानबाजी को लेकर बदहजमी की यह श‍िकायत अब भी बनी हुई है इसका पता हाल […]

Read More..

हिन्‍दी सिने गीतों में बिखरी प्रादेशिक भाषाओं की छटा

. सन 1953 में वी शांताराम की एक फिल्‍म आई थी तीन बत्ती चार रास्‍ता जिसमें भारत की भाषायी विविधता को विषय बनाया गया था। इसके चार वर्ष पूर्व 14 सितंबर 1949 को हिन्‍दी को भारत की आधिकारिक भाषा घोषित किया गया था। हालांकि तमिळनाडु मे हिन्‍दी का विरोध स्‍वतंत्रता के पूर्व 1937 में ही […]

Read More..

रेशमी एहसास की बुनावट: कांजीवरम

. कांजीवरम की रेशमी साड़ी देवताओं की भी प्रिय रही है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार ऋषि मार्कंडेय देवताओं के प्रधान बुनकर थे। वह कमल के रेशे से भी वस्‍त्र बुन सकते थे। उन्‍हें कांजीवरम बुनकरों का पूर्वज माना जाता है। . एक बार भगवान शिव ने मार्कण्‍डेय ऋषि से संसार के लोगों की नग्‍नता […]

Read More..
मीन भरणी उत्‍सव

रौद्र उपासना का अनूठा पर्व: मीनभरणी

इस वर्ष भी मेरे तमिळ मित्र रंजीत ने मुझे मीनभरणी उत्‍सव में आने का निमंत्रण दिया है। अब तक दो बार मैं इसे देख चुका हूं। भौगोलिक दूरी के बावजूद तीसरी बार वहां जाने के लिए मेरे उत्‍साह में कोई कमी नहीं है। यह उत्‍सव है ही ऐसा। इसकी परम्‍परा और रीतियां भक्‍तों और पर्यटकों […]

Read More..
हिन्‍दी

हिन्‍दी भाषियों के हिन्‍दी प्रेम की विडम्‍बना

इन दिनों एयरटेल की एक कर्मचारी और एक मराठी युवक की हिन्‍दी को लेकर आपसी बहसबाजी सोशल मीडिया में बहुत छाई हुई है। जहां जहां यह वीडियो दिखाया जा रहा है वहां वहां हिन्‍दी के कई समर्थक “अंगरेज़ी “ टिप्‍पणियों या रोमन हिन्‍दी में लिखी हिन्‍दी टिप्‍पणियों द्वारा अपने विचार व्‍यक्‍त कर रहे हैं। . […]

Read More..

ओडिया की रुलाई पर मलयालम को हँसी आई…छी…छी…छी रे नोनी छी!

इन दिनों इंटरनेट पर एक दुख भरा ओडिया गाना “छी. छी..छी.. रे नोनी छी!” तरंगायित अर्थात् वायरल हो रहा है। कुछ दिनों पहले तक “आज की रात मजा हुस्‍न का आंखों से लीजिए” देखकर निहाल होने वाले लोग इस करुण गीत पर हंसते नहीं थक रहे हैं। कारण इस गाने के बोल और स्‍थानीय कलाकारों […]

Read More..

“जिंगल बेल” से पहले सुनिए “मारगड़ी तिंगल…”

दिसम्‍बर के उत्तरार्ध में जहां विश्‍वभर में क्रिसमस की तैयारियां परवान चढ़ने लगती हैं वहीं चेन्‍नै में एक निराला ही समा बंधने लगता है। अलसभोर में कपालीश्‍वर मंदिर की पुष्‍करिणी में उदीयमान सूर्य की रश्‍मियों के अवगाहन से पूर्व ही कदाचित् मैलापोर की मडा वीथियों में हारमोनियम की संगत पर भजन गूंजते सुनाई दें तो […]

Read More..