Tag: द्रव‍िड़ मुन्‍नेट्र कड़गम

तम‍िळनाड बनाम तम‍िळगम: “शब्‍दभेदी” बाण और “राज्यनीत‍िक” औच‍ित्‍य

. आमतौर पर गैरतम‍िळ अपने तम‍िळ भाषा के अज्ञान के कारण तम‍िळों के न‍िशाने पर रहते हैं। क‍िंतु इस बार कुछ व‍िपरीत हूआ है। अज्ञान की भांत‍ि अत‍िज्ञान भी कभी कभी व‍िवाद उत्‍पन्‍न कर देता है। यह प्रसंग इसी बात का एक अच्‍छा उदाहरण है। तम‍िळनाड में पोंगल के हर्षोल्‍लास के वातावरण में एक शासकीय […]

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तम‍िळों के द‍िल की रानी: ब‍िर‍यानी

. हम भारतवास‍ियों की रसनालोलुपता या स्‍वादव‍िलास‍िता का सबसे अच्‍छा प्रमाण यह है क‍ि यहां हर प्रदेश के दर्जनों अपने व्‍यंजन हैं। सामान्‍यतया दक्ष‍िण भारतीय व्‍यंजनों का उल्‍लेख होने पर इडली दोसै का ख्‍याल सबसे पहले आता है और तम‍िळनाड के व‍िषय में भी यही सच है। क‍िंतु इडली दोसै के अत‍िर‍िक्‍त भी तम‍िळनाड के […]

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