Tag: वैजयंती माला

Andal

मीरां जैसी प्रेम दीवानी: आण्डाल

नित्याभूषा निगमशिरसां निस्समोत्तुङ्गवार्ता, कान्तो यस्याः कचलुलितैःकामुको माल्यरत्नैः। सूक्त्या यस्याः श्रुतिसुभगया सुप्रभाता धरित्री, सैषा देवी सकलजननी सिञ्चतां मामपाङ्गैः ॥१॥ . श्रीकृष्‍ण ने गीता में कहा है, “मासानां मार्गशीर्षोऽहम्।” दक्ष‍िण भारत में मारगड़ी का महीना कला और भक्‍त‍ि में सरोबार होने का अनूठा अवसर प्रदान करता है और इसका श्रेय जाता है आण्डाल को। मारगड़ी के माह […]

Read More..