पचहत्तर वर्ष पूर्व स्वतंत्र भारत के प्रथम भारतीय गवर्नर जनरल सी राजगोपालाचारी ने एक वक्तव्य दिया था कि कन्नड़ा तमिळ से जन्मी भाषा है। कन्नड़ा साहत्यिकारों द्वारा इस वक्तव्य के कड़े विरोध के बाद उन्हें क्षमायाचना करनी पड़ी थी। भाषायी बयानबाजी को लेकर बदहजमी की यह शिकायत अब भी बनी हुई है इसका पता हाल […]
Read More..जब भी किसी राजनेता द्वारा सार्वजनिक मंच से हिन्दी के राष्ट्रभाषा होने का दम भरा जाता है या उसके राष्ट्रभाषा बनाए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया जाता है तो कहीं और से हो न हो तमिळनाड से विरोध का स्वर अवश्य मुखर होता है। हाल ही में भी कुछ ऐसा ही हुआ है किंतु […]
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